वो क्लास की मस्ती,
वो दोस्तों की हसी,
कितना खुश था में,
हमेशा मुस्कुराता था में
न कोई दर
किसी को खोने का
न कोई आंसू
किसी से बिचार्ने का
सुबह का नास्ता
दोपहर को एक cigarette और चाय,
दिन भर के मस्ती
और फिर bye bye ..
physics के motion की जगह
लडकियों के खवाब देखता था,
chemistry के acid की जगह
cigarette का धुआ उरता था।
हर वो लड़की जिसके चेहरे में हसी थी
हमें उससे प्यार हो जाता था,
हर सुबह होता था एक नए प्यार का एहसास
शाम थक बना देते थे उसे एक बकवास
मस्ती तो थी
मगर जिंदगी एकदोम बेहाल थी
तुमसे मिले से पहले
येही अपनी जिंदगी की हाल थी
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